Monday, 9 September 2013

"इंसाफ करो...."

धर्म और अधर्म की व्याख्या
तो स्पष्ट थी
फिर कौन सी समस्या में
तुम उलझे थे
जो किसी की उतरती लाज
आपको क्रुद्ध न कर सकी |

इतना भयानक उत्पीड़न
शायद इतिहास
फिर न लिख पाये...
इसलिए अब उसके दोहराने
की प्रतीक्षा न करो ....

    इंसाफ करो !!!!
>>Stop Rape by imposing strict laws.<<

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